सुप्रभात मित्रों
आपका आजका और आनेवाले सभी दिन शुभ हों
आज चंद हायकू हमारी जिंदगी के दो सच " सच " और " झूँठ " पर..दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं..पर सीरत यानि गुणों में एक दुसरे से विपरीत..इन दोनों से हमारी आम जिंदगी में अक्सर पाला पड़ता ही है अतः आप इन्हें अच्छे से जानते ही हैं..
पेश हैं हायकू
" सच " - "झूँठ"
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सच औ झूँठ
पहलू हैं सिक्के के
गुण अलग
सच है अच्छा
झूँठ है नापसंद
लोग कहते
लाख धिक्कारें
कभी न कभी झूँठ
बोलते सभी
सच अक्सर
छुप जाता झूँठ की
चादर काली
झूँठ जीतते
सच हारते देखा
हम सबने
सच को देखा
सीना ताने तो झूँठ
मुँह छिपाये
(समाप्त)
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