1) नोटबंदी
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मचा है शोर
संसद में हंगामा
नोटबंदी से
लोग है परेशान
लोग तो सराहते
हुए इकट्ठे
कालाबाजारी चोर
औ भ्रष्टाचारी
संयुक्त मोर्चा खोला
ख़िलाफ़ नोट बंदी
उन्हें लगता
वे दबाव बनायें
वापस होगा
फैसला नोटबंदी
सपनो में वे जीते
बहुसंख्यक
जनता समर्थक
नोटबंदी की
नकेल काला धन
और भृष्टाचार पे
मुँह की खाएँ
तमाम विरोधी जो
नोटबंदी तो
अब न हटने की
कोशिश कर देखें
(क्रमशः)
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2) नमस्कार मित्रों
आज भारत बंद का आवाहन
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(28-11-2016)
1) भारत बन्द
ख़िलाफ़ नोटबंदी
बोरों में नोट…
काला धन वाले औ
भ्रष्टाचारी करते
2) नाम जनता
जिक्र है परेशानी
स्वार्थ अपना
काला धन डूबता
भ्रष्टाचार का खात्मा
3) उनकी नींद
हुई आज हराम
कहाँ विश्राम
चोरी की जो कमाई
होती है हरजाई
4) ज़ोर लगाओ
सरकार दबाओ
भारत बंद
सरकार झुकेगी
ऐसा उन्हें है भृम
5) पूरा देश तो
करता समर्थन
नोट बंदी का
और छिडी लड़ाई
जो है देश हित में
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3) आज 29-11-2016
तांका मालिका
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1) सूरजमुखी
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सूरजमुखी
ताकती सूरज को
जैसे प्रेमिका
पूरब से पश्चिम
घूमती साथ साथ
2) सरसों का खेत
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खेती सरसों
बिछी पीली चादर
ऐसा दीखती
मन को सुखदायी
कायनात बौरायी
3)आम का पेंड़
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फागुन आया
पेंड़ आम बौराया
गुच्छे के गुच्छे
बौरों पे आते आम
सुहानी फ़िज़ा छायी
4) आलू भुना हुवा
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आलू निकालो
वहीँ भून भी डालो
धनिया नोन
बना डालो चटनी
छील छील के खाओ
5) शकरकंद
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शकरकंद
मीठा होता जायका
बहुत स्वाद
सदा रहेगी याद
जम के खाओ आप
(क्रमशः)
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4) आज दिनांक30-11-2016
तांका..मालिका--इंतज़ार
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कब तक मैं
रहूँ इंतजारी में
आये न तुम
क्या हुआ वोह वादा
आऊँगा खायी कस्म
वो वादा भूले
तुम मुझको भूले
ओ हरजाई
रो रो के बुरा हाल
बँधी हैं हिचकियाँ
कजरा धुला
गजरा मुरझाया
सूनी हैं आँखे
दूर शून्य निहारूँ
तुम हो परदेश
कौन पोंछेगा
मेरे बहते आँसू
तुम्हारी यादें
छलनी है करती
मेरी पूरी जिंदगी
कैसे निष्ठुर
हृदयहीन तुम
न आते ही हो
न ही ख़बर देते
हत भगिनी हूँ मैं
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5) तांका मालिका
-मोर्चा खिलाफ नोट बंदी
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(व्यंग)
लगाओ ज़ोर
चाहे जितना तुम
नोट बंदी को
नहीं चलने देंगे
विरोध है हमारा
कालाधन औ
भ्रष्टाचार से जँग
जीतोगे नहीं
हम सब सबल
तुम पर है भारी
समेटो यह
अपना तीन पाँच
निकलो जल्द
अब झंडा फहरे
भृष्ट काले धन का
(क्रमशः)
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6)तांका मालिका..."जाड़ा"
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1) जाड़े की रातें
कोहरा आच्छादित
यात्रा कठिन
होते हैं अपघात
दीखे कठिनाई से
2) जाड़े की धूप
सुखदाई लगती
मुझे सुहाती
तापते धूप हम
लेटे खुले आँगन
3) स्वेटर कोट
मफलर औ टोपी
होते जरूरी
बचाते हम ठण्ड
इस सर्द मौसम
4) मूंगफली हो
या गज़क तिल की
खूब है भातीं
डिनर के बाद ही
लोग है खाते
5) ऊनी कपड़े
लेके आते तिब्बती
खूब बिकते
गरीब भी खरीदें
सस्ते होते कपडे
(क्रमशः)
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आज 04-12-2016
7) तांका मालिका ..कोहरा
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1) कोहरा घना
रास्ता नहीं सूझता
ट्रैफिक जाम
परेशान पब्लिक
इंतज़ार धूप का
2) ट्रेन हैं लेट
फ्लाइट भी हैं लेट
फँसे है यात्री
गलियां बकते वो
कोसते हैं किस्मत
3) छाया कोहरा
जाड़े की सर्द सुब
हवा है ठण्डी
पीते हैं गर्म चाय
गर्मागर्म पकौड़े
(क्रमशः)
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8) तांका...अँधेरा
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दूर अँधेरा
जीवन में उजाला
छा जो जायेगा
वोह शुभ दिन भी
मेरा जल्द आएगा
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9)तांका मालिका.. ठण्ड
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ठंड के मज़े
बहुत ही सुहाने
टोपी मफ्लर
दाँत कटकटाते
सूट बूट दस्ताने
जेब में हाँथ
मुँह से निकलती
गर्म सी 'भाप '
काटती हुई हवा
मजा तो आ ही गवा
गज़क खाते
मूँगफली चबाते
धुप सेंकते
काटते सब ठण्ड
बढ़िया होती ठण्ड
गरीब लोग
अलाव हैं जलाते
तापते आग
दूर भगाते ठण्ड
ऐसे ही वे भी जीते
(समाप्त)
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10) तांका मालिका..उदास हूँ मैं
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उदास हूँ मैं
आज का सारा दिन
कुछ भी नहीं
कोई कारण नहीं
बस हूँ मैं उदास
कारण ढूँढूँ
मन की बेचैनी का
उदास मन
समझ न हूँ पाता
दर्द से कैसा नाता
कभी कभी ही
होता है ऐसा भी तो
बता न पाता
क्या है मुझे सताता
मन नहीं बताता
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11) नमस्कार मित्रों..
आज 28-12-2016 प्रस्तुत है 6 तांका
तांका ...6 तांका
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प्यार
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तांका संख्या (01)
1) प्यार करना
मुझे कभी न आया
न ही खुद से
न ही किसी और से
कितना रूखा हूँ मैं
उपकार
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(तांका संख्या 2 से 6 तक)
2) इंसान तो हूँ
पर भगवान ही
बनना चाहा
लोगों की किस्मत को
ही बदलना चाहा
3) लोग नाराज़
उनकी उम्मीदें थीं
बहुत बड़ी
मेरे प्रयास बौने
असफल हो गये
4) बहुत लोग
जो होते बुद्धिमान
नहीं करते
ऐसे कोई प्रयास
बदलना किस्मत
5) वोह न खाते
गाली या अपशब्द
कोशिश नहीं
भाग्य रेखा सुधारें
किसी हतभागी की
6) सेफ है गेम
नो प्रॉफिट या लॉस
अपना मज़ा
क्यों पड़ना झंझट
अपना ही देखना
(क्रमशः)
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12)तांका...देश से प्यार
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पहिला प्यार
मेरा देश से प्यार
वो मेरा दिल
मेरी जान औ शान
सौ बार मैं कुर्बान
देश से प्यार
दिल में है बसाया
सारा जीवन
अर्पण है देश पे
सम्पूर्ण समर्पण
न कोई कभी
हो सकता प्यारा औ
इससे ज्यादा
दुलारा सोंचता मैं
नहीं बिल्कुल नहीं
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13)तांका मालिका ..विलेन नोटेबन्दी के
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लंबी लाइन
न कैश ATM में
न मिले बैंक
जनता है हैरान
चोरों की हरक़त
मिली भगत
काला सफ़ेद खेल
बागड़बिल्ले
खेलें हरामख़ोर
कौन है बड़ा चोर
सब हैं नंगे
इस हम्माम भाई
फेल करना
नोटबंदी इरादा
उनका वे विलेन
जवान हो या
बूढ़े चोर हैं सब
हुए शामिल
साजिश है करते
देशद्रोह करते
उत्सुक होते
हम सोंचते होगी
क्या कोई कभी
सज़ा अपराधियों
हरामखोरों पर
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14): तांका मालिका.... नववर्ष 2017
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1) नव प्रभात
आया है नव वर्ष
करो स्वागत
खुशियों को मनाओ
हँसो नाचो औ गाओ
2) जो बीत गया
वर्ष जो पुराना था
संभाला हमें
भुला न सकते हैं
उसके एहसान
3) नहीं कृतघ्न
मान सहित विदा
हो ....गया साल
हमारी जिम्मेदारी
विदा करो स्वीकार
4) बाटें खुशियाँ
तो बढ़ती हैं खूब
तथ्य ये जाने
सबको अपनायें
गले उन्हें लगायें
5) भूल दुश्मनी
कड़वाहट ईर्ष्या
भेजें सन्देश
खुशियों का अम्बार
आस पास मुस्कान
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15): तांका ..समूह
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1)नववर्ष ..पहिला दिन
पहिला दिन
बधाई लेते देते
बीत गया वो
नववर्ष आगाज़
बिना शोर आवाज
2)हिसाब करो
हिसाब करो
क्या खोया और पाया
गये बरस
अब क्या है विचार
सोंचो विचारो करो
3) सँवारो .. जो बचा...
जो बीत गया
वोह बात ही गयी
अब जो बचा
उसे अब सँवारो
बचा लो उसे तुम
4)तुम्हारा मौन
तुम्हारा मौन
करे मुझे बेचैन
कुछ तो बोलो
अपनी जुबाँ खोलो
क्या हुवा क्यूँ हो दुखी
(क्रमशः)
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16) तांका की महक में परिवार का घमासान...
तांका मालिका.. पारिवारिक दंगल
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1) नूरा कुश्ती ये
बाप बेटे के बीच
सब जानते
ये है फैमिली ड्रामा
पार्टी है व्यक्तिगत
2) पार्टी तो बनी
घरेलु संपत्ति सी
सौतेला बेटा
हटा अपना लाओ
कहे सौतेली अम्मा
3) झगड़ा बढ़ा
चुनाव चिन्ह पर
करे फैसला
चुनाव आयोग जो
होगा वोह तो फ्रीज़
4) सोंचे भारत
सोंचे प्रबुद्ध लोग
क्या कोई दल
होना चाहिये जैसे
व्यक्तिगत संपत्ति
5) प्रजातंत्र में
केवल हो दो दल
सत्ता विरोधी
दो ही पक्ष उत्तम
भृष्टाचार रहित
6) रखें वे बात
होये स्वस्थ बहस
बाधा रहित
सुचारू चले काम
जनता का फायदा
7) निजी दल हों
बंद बाप बेटा या
माँ बेटा दल
केवल जनता से
चुनें अपना नेता
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17) आज 04-01-2017
प्रस्तुत है...
तांका मालिका...अधूरा प्यार
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अधूरा प्यार
न पाया पूरा कभी
मन टीसता
न कही मन की या
सुना उसका मन
कोई भी न थी
मज़बूरी लेकिन
जकड़े होंठ
दिल की बात जुबाँ
न आयी भीगा मन
समय बीता
कहने सुनने का
कर विवाह
गयी वो दूर देश
हम अधूरा प्यार
अब सोंचता
दोषी था कौन भाग्य
समय या मैं
घुटता रहा मैं दुःखी
मैं औ अधूरा प्यार
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18) आज10-01-2017
प्रस्तुत है..
तांका मालिका... उदास
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सुब उदास
शाम भी तो उदास
तुम नहीं हो
मेरे ज़नाब .. पास
मेरा जहाँ उदास
उदास रहूँ
रोऊँ या मरुँ तुम्हें
फ़िक्र है कोई
गयीं मायके तुम
मेरी ऐ हमदम
उठाया नहीं
गर्म चाय की प्याली
पिलायी नहीं
सोते सोते ही रहा
विरह राग गाता
उदासी छटे
बेगम वापस हों
घर सम्हालें
मुझको भी वो पालें
प्रभु करो जतन
(क्रमशः)
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