वो ध्रुव तारा
खड़ा अटल बिचारा
दूर आकाश
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सांध्य किरण
लाई रात्रि सन्देशम
आता अँधेरा
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बैठ मुँडेर
सन्देश लाया कागा
आते पाहुन
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जल आग में
शरीर हुवा धुवाँ
कहानी ख़त्म
उड़ते पंछी
इंद्रधनुषी नभ
मस्त पवन
बहता जल
पवन जोर शोर
आकाश नीला
नौका जर्जर
दूर मंजिल मेरी
डूबता सूर्य
जीवन संध्या
जर्जर हुयी काया
प्रभु बुला ले
अटके प्राण
राह तकती आँखे
आया न लाल
किसी को बोलूँ
सच्चाई तेरी खोलूँ
दफ़न राज़
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फूलों से प्यार
कलियों को दुलार
भौंरा नादान
बच्चों का शोर
है बारिश का ज़ोर
सभी नहाते
घंटी बजती
बच्चे शोर मचाते
घर को जाते
मम्मी का प्यार
पापा का मनुहार
बच्चे हैं खाते
काम क्रोध औ
मद लोभ से बचो
ज्ञानी कहते
प्रभु की माया
कहीं धूप या छाया
मर्ज़ी उसकी
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टूटता तारा
स्वर्ग जाती आत्मा या
शुभ संकेत
नभ में तारे
या सिर के बाल हैं
अनगिनत
कहाँ न खोजा
पाया न कहीं तुम्हें
हे भगवान
चार दिनों की
है अपनी कहानी
ये जिन्दगानी
छाये हैं मेघ
हुवा अँधियारा भी
डरे पथिक
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घूँघट ओट
दुल्हन का चेहरा
मन्द लजाये
जैसे....
चाँद बादलों
बीच में छिप जाये
और शर्माये
(दोनों अलग अलग भी और सम्बंधित भी)
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मुँह में अंडा
टीचर जी का डंडा
मम्मी का गुस्सा
भागता चोर
पीछे भागी पुलिस
वापस पर्स
पेंड पे आम
मैंने फेंका पत्थर
आम है नीचे
सावन मेघ
करते धूप छाँव
बरसे पानी
माँ और पत्नी
पास पास भी दूर
मैं मज़बूर
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मन की झील
यादें बन कंकर
हिलोरें जल
मन आकाश
उम्मीदों की उड़ान
दूर उजाला
उड़ते पंछी
बादलों से बच के
नीड है दूर
मन को पंख
अंधे को आँख
यही विनती
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प्रचंड नदी
बहा ले गयी गाँव
पेड़ों पे लोग
बहे छप्पर
आसमाँ सिर पर
लोग हैरान
अँधेरी रात
पेंड पर बसेरा
बीमार बच्चा
पेट में भूँख
राहत की है आस
प्यासे हैं होंठ
जान बचाना
कृपा करो हे प्रभु
ये मज़बूर
माँगते दुवा
आसमाँ तकते हैं
कोई बचा ले
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गिरा मकान
धीमी धीमी बारिश
कच्चा था बना
जोड़ा गौरैय्या
तिनका तिनका ला
बनातीं घर
बिजली गुल
बारिश का वेग
रुकी है लिफ्ट
बाल मुस्कान
रिझाये हर मन
ईश्वर माया
बिजली गिरी
भयंकर कड़क
घर मलबा
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वायु प्रचंड
झूमते झुके पेंड
उड़ी झोंपड़ी
जल प्लावन
भयंकर तबाही
उदास लोग
दावानल तो
जलाती है जंगल
यादें दिल को
मिट्टी पावन
मेरी मातृभूमि की
करूँ तिलक
आकाश ऊँचा
ऊँचे उड़ते पक्षी
गंध वर्षा की
वायु आकाश
धरा अग्नि वरुण
हैं पंचतत्व
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नमस्कार मित्रों...
आज के हायकू..विषय "नारी"....बड़े दुःख की बात है कि...
माँ..बहिन..पत्नी...बेटी....सखी.. मित्र सहित ..पग पग पर पुरुष का साथ निभाने ....घर बाहर की जिम्मेदारी उठाने ...घर चलाने में पुरुष को हर तरह सहयोग देने के बाद भी..वो पढ़ी लिखी है या अनपढ़ ......आज भी उपेक्षित और असुरक्षित है
कितनी भी पढ़ी लिखी या योग्य हो दहेज़ के बाज़ार में वो केवल एक लड़की है और उसके लिए वर खरीदना पड़ता है..एक तरफ हम मंगल यान भेज रहे हैं ..दूसरी और ये बेचारी रात बिरात घर से बाहर भी नहीं निकल सकतीं..विषय लंबा और विशिष्ट है..फिर सही...
नारी
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1) नारी रत्न है
रखो संभाल कर
वो अनमोल
2) नारी जननी
संसार की जनक
रहे उदास
3) जिन समाज
नारी असुरक्षित
पतनोमुखी
4) सदा है साथ
रचना विधाता की
जीवन साथी
5) सबला नारी
करे राष्ट्रनिर्माण
देश महान
6) जीवन गाड़ी
खींचे मिलकर
हमसफ़र
(समाप्त)
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नमस्कार मित्रों ..
आज चंद हायकू... "रक्षाबंधन " ...बहिन भाईके परस्पर प्यार और विश्वास के बंधन पर..
सदियों से मनाये जा रहे इस त्यौहार को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. ..इसलिये..
हायकू..
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1) भाई बहिन
प्यार विश्वास धागे
रक्षा बंधन
2) पावन पर्व
पावन भावना है
रक्षा बंधन
3) पहली राखी
बाँधी लक्ष्मी जी ने ही
राजा बलि को
4) हुमायूँ राखी
भेजी कर्णावती ने
चित्तौड़ रक्षा
5) महत्वपूर्ण
है राखी का त्यौहार
फैले सद्भाव
6) भाईचारा है
तो प्यार है देश है
हैं हम सब
7) शुभकामना
मनाइये राखी को
प्रसन्न मन
(समाप्त)
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नमस्कार मित्रों
आपका दिन शुभ हो...
आज चंद हायकू "जीवनसाथी" पर ..यह क्या होता है ..आप सब भलीभाँति जानते हैं और कुछ अपवादों को छोड़ उसे बहुत प्यार और सम्मान करते है..अब मैं कोई अपवाद नहीं हूँ..
अब वो तो नहीं हैं ..पर उनके साथ भरपूर जिये लगभग 40 साल की बहमूल्य यादें तो हैं...
जीवन साथी
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1) सुख या दुःख
सब में जो निभाती
जीवन साथी
2) हर रंग में
जो नज़र है आती
जीवन साथी
3) शक्ल देख के
जो दिल पढ़ लेती
जीवन साथी
4) सिखाती जीना
खुश खुश रहना
जीवन साथी
5) बिन तुम्हारे
लंबी सज़ा जीवन
ओ मेरे साथी
6) न सही पास
स्मृतियों में रहना
जीवन साथी
उनकी पावन स्मृतियों को नमन..
(समाप्त)
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आज 28 अगस्त के हायकू..."मेरी बेटियाँ "...पर
मेरी बेटियाँ
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1) तीनों बेटियाँ
उच्च शिक्षित सब
हैं मेरी शान
2) इंजीनियर
डॉक्टर आर्किटेक्ट
हैं मेरी जान
3) पाला प्यार से
अच्छी परवरिश
ऊँचा है नाम
4) गर्वित सीना
किया बेटियों ने ही
हैं प्यारी मुझे
5) कौन कहता
बेटी किसी से कम
बोलता झूँठ
6) शान बढ़ाई
खेल जीता किसने
रजत कांस
7) तिरंगा ऊँचा
देश मेरा गर्वित
न्यारी बेटियाँ
8) कुछ न माँगे
चाहें प्यार सम्मान
प्यारी बेटियाँ
9) दुर्गा का पाठ
बेटियों को दुत्कार
कैसी ये पूजा
10) नारी की शक्ति
कमतर न आँको
ये काली दुर्गा
(समाप्त)
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