Wednesday 19 July 2017

एक प्रणय निवेदन..अलग सा

ताज़ा रचना...
एक नये तरह का प्रणय निवेदन..
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चलिये हम चाँद सितारों की बात नहीं करते
चलिये फूलों बहारों की बात भी नहीं करते
पर क्या आप मुझे देखकर मुस्कुराएँगी
कभी हमसे मिलने या रहने हमारे घर आएँगी
क्या मुझे कुछ मनपससन्द बना के खिलायेंगी..
क्या मेरी साधारण सी भोली बातों पे ठहाके लगाएंगी
कभी कभी हम रात रात जाग कर करेंगे बातें
कभी चंदनीं रात में मेरे साथ चंदनीं में नहाएंगी
और कभी जब आपका मूड अच्छा हो...
आप मेरे बालों में तेल लगाएंगी बदले में मैं भी आपके बालों में तेल लगाऊँगा..
फिर कभी नहाते हुए पीठ पे मेरी आप साबुन लगा देना..बदले में मैं आपकी पीठ पर साबुन लगा दूँगा
क्या करूँ मजबूरी है पीठ पर हाथ नहीं पहुंच पाता है
और वहाँ गंदा रह जाता है इसलिये आपकी मदद की कामना करता हूँ
वैसे तो मैं आप पे मरता हूँ
पर कहने में बहुत डरता हूँ
आप कहीं नाराज़ न हो जायें.. मुझसे मुँह मोड़ कर न बैठ जायें..
एक फिल्मी गाने की लाइनें हैं..
"ये दिल भी कितना पागल है..ये प्यार तो तुमसे करता है..पर सामने जब तुम आते हो कुछ भी कहने से डरता है.."
हाँ आपको खो देने का डर बहुत भारी है..मैं पूरी ईमानदारी से कुबूल करता हूँ कि मुझे आपसे इश्क की बीमारी है..जो दिनों दिन बढ़ती और बेकाबू होती जा रही है..यदिआप "हाँ" कह कुबूल  कहेंगी तो इस गरीब आशिक की जिंदगी बच जाएगी और अगर " न" किया जिसकी उम्मीद तो नहीं है तो फिर ये अभागी  जिंदगी और उसकी उमंगें मर
जायेगीं..आपके हाँ और न के बीच झूलतीं इस गरीब की जिंदगी..जवाब का इंतेज़ार ..आपका प्यार..
(क्रमशः)
स्वरचित

Friday 14 July 2017

हाइकु मञ्जूषा अंक 48..बादल.. मेघ.. वर्षा आदि

हाइकु मञ्जूषा
अंक - 48           

विषय : -

01. मेघ/बादल
02. बिजली/दामिनी
03. वर्षा/बारिश

चंद हाइकु प्रस्तुत है ..

1) भारी   बारिश
      हुआ  जल भराव
      रास्ते   बाधित

2) फटे      बादल
     नदियों   में उफान
      ढहते    घर

3)दामिनी   कौंधे
     जोरों     की  है बारिश
      पिया     न आये

4)मेघा      हैं  छाये
     झूमे     किसान  मन
     अच्छी  फ़सल

5)बिजली    कौंधे
     भयंकर   गर्जना
     मुन्ना       स्कूल में

6)भारी       बारिश
     भर         गयीं    नालियाँ
     कागज़ी   नाँव

7)खूब      नहाते
     बारिश  झमाझम
      डाँट    भी  खाते

(क्रमशः)

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-
हाइकु मञ्जूषा
अंक - 48            

विषय : --
01. मेघ/बादल
02. बिजली/दामिनी
03. वर्षा/बारिश

इन विषयों पर चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)मेघा        बरसें
     बिजली  भी  चमके
      पिया     न    आये

2)बादल       छाये
    चमकती   दामिनी
      प्यारा      मौसम

3)मेघा    बरसो
    प्यास  बुझे   धरती
     कब    से     प्यासी

4) वर्षा      प्रारम्भ
     खुश      हुए  किसान
      उम्मीदें  झूमी

5)बादल    छाते
     उम्मीदें  हैं  जगाते
      बेटी     की शादी

6)इंद्र  की  पूजा
    बारिश    की प्रार्थना
     भक्त      किसान

7)प्यासी  धरती
    प्यासे   सब हैं लोग
    बरसो    मेघा

(क्रमशः


हाइकु श्रृंखला संख्या 49...प्राकृतिक विपदायें

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हाइकु मञ्जूषा
अंक - 49    

विषय:-
*****
प्राकृतिक आपदाएँ
01. आंधी
02. रेतीली आंधी
03. तूफान
04. बाढ़
05. भूकंप
06. अकाल
07. सुनामी
08. भूस्खलन
09. ज्वालामुखी
10. प्रलय
    
आज 29-06-2017 प्रस्तुत हैं चंद हाइकु चयनित विषयों पर..

1)बाढ़ जो आती
     बहा ले जाती खेत
      जीवन  सुख

2)पड़ा   अकाल
    सभी   जन   बेहाल
     भूँख   की ज्वाला

3)आया     भूकंप
     भीषण  है त्रासदी
      लोग    बेहाल

4)है         ज्वालामुखी
    जीवित औ जागृत
      उस     पहाड़ी

5)प्रलय         आयी
     जन धन    की हानि
     केदारनाथ 
     

6)सुनामी   आयी
    तबाही    वोह   लायी
     द्वीप       ग़ायब

7) आया       तूफ़ान
     भयंकर     तबाही
      जन  धन  की

(क्रमशः)
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हाइकु मञ्जूषा
अंक - 49    

विषय : ---
प्राकृतिक आपदाएँ
01. आंधी
02. रेतीली आंधी
03. तूफान
04. बाढ़
05. भूकंप
06. अकाल
07. सुनामी
08. भूस्खलन
09. ज्वालामुखी
10. प्रलय

इन विषयों चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)रेतीली       आंधी
     रेगिस्तान   में रोज़
       आदी      हैं लोग

2)जल           प्रलय
     केदारनाथ  धाम
      बड़ी          विपदा

3)बादल    फटा
    बाढ़      का है अंदेशा
     भागते  लोग

4)पहाड़ी      रास्ते
    भूस्खलन   कारण
     यात्रा         बाधित

5)आया    भूकंप
     तबाही  का मंजर
      राहत   कार्य

6)फसलें   सूखीं
     बरसा  नहीं  पानी
      छाया  अकाल

7)आँधी जो आयी
    उड़ा   ले   गयी मेघ
    तरसें         खेत

(क्रमशः)

हाइकु श्रृंखला संख्या 50..विषय स्वतंत्र

हाइकु श्रखला ..विषय..स्वतंत्र
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आज 04-07-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 50 के लिये कोई विषय नहीं यानी"स्वतंत्र"..बहुत खूब ...फिर स्वतंत्र उड़ान के साथ कुछ हाइकु प्रस्तुत करता हूँ..

1)अंतरिक्ष    में
     भेज   सैटेलाइट
      देश    गर्वित

2)एक से  एक
    बनाता  कीर्तिमान
     हमारा  देश

3)सारी   दुनियाँ
    भारत  का सम्मान
     देश     महान

4) छुद्र      वृत्तियाँ
     हर  बात   विरोध
     वास्ते    विरोध

5)गद्दार    भी हैं
    फलते   औ फूलते
     पालता  देश

6)फाँसी पे   रोक
     देशद्रोही  हँसते
      जी भर   जीते

7)करें       नुक्सान
    अपूरणीय  क्षति
     चैन  से     जीते

8)ढीले       कानून
    पेंचीदा    कार्यवाही
     आरोपी  मस्त

9)आजादी    मिली
    दिल खोल बोलते
    दुरुपयोग

10)कुछ     भी करो
       बेफिक्र हो के रहो
       कुछ     न होता

(समाप्त)
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आज 07 -07-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 50 का विषय स्वतंत्र है यानी मनपसंद विषय पर लिखना है..इन्ही विषयों पर आज के चंद हाइकु प्रस्तुत है..

1)देशप्रेम
********

जीना       मरना
देश हित   में होगा
समर्पित   मैं

गर्वित    हूँ मैं
भारत    माँ का बेटा
प्यारी     मुझको

शीश    नवाऊँ
उसके   गुण गाउँ
है         जन्मभूमि

2)प्रेम और श्रृंगार
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बसंत   छाया
फूल    और कलियाँ
घूमते   भँवरे

बहार      आयी
अलसाई  कलियाँ
खोलें       आखियाँ

प्रेम    पुजारी
वेणी  लाया वो भेंट
जूड़ा   सजाता

गोरी      शर्मायी
कलियाँ  भी लजाईं
आये       साजन

3)पर्यावरण
    *******

शुद्ध हो  हवा
शुद्ध  हो पेय जल
स्वस्थ     हों  सब

आस पास हो
साफ  और सुथरा
करो    संकल्प

अच्छी  आदत
साफ    सफाई होती
रहो       निरोग

4)भक्ति
    ****

प्रभु         की शक्ति
अपरंपार   होती
वो है         मालिक

श्रद्धा औ भक्ति
देते हैं  वो शक्ति
जीतो   जगत

वोह     असीम
वोह      होता अजन्मा
करता    कृपा

(क्रमशः)
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आज 07-07-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 50 का लिये दिये"स्वतंत्र " विषयों में पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग पर आधारित 11 हाइकु प्रस्तुत हैं..

प्रस्तावना...
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पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग पर चिंता होनी अवश्यम्भावी है ...जिस तरह वायु..जल..भोजन सभी खाद्य सामग्री मिलावट और प्रदूषण से ग्रसित हैं..और अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और पहाड़ियों को बेदर्दी से तोड़ने का सिलसिला अबाध चल रहा है और कंक्रीट के जंगल के जंगल खड़े हो रहें है..इससे ग्लोबल वार्मिंग होगी और ग्लोबल वार्मिंग से यदि तापमान बढ़ता है तो बर्फ पिघलने से सभी समुन्द्रों में पानी का स्तर बढेगा और बड़ा भूभाग पृथ्वी का समुंदर में समा जाएगा जिससे जन धन की बड़ी हानि होगी

11 ..हाइकु मानव की इन्हीं मूर्खताओं को इंगित करते हुए प्रस्तुत हैं..

1) अपना  द्रोही
     वृक्ष      काटता जाता
     नंगे       पहाड़

2) पेंड         कटते
     हरियाली  घटती
      वर्षा       में  कमी

3) दुर्भक्ष     आता
      भूँखे       मरेंगे   लोग
      प्यासे      तरसें

4)  नहीं         जो  रोका
      नये  पेंड   न लगे
      होगा        विनाश

5) काटे      जँगल
    ग्लोबल  वार्मिंग  से
    जल       प्लावन

6)सोंचे   मनुष्य
    सोंचे   भाग्य  नियंता
    कैसा   कानून

7)वायु   दूषित
    पानी  भी है दूषित
    मरते  लोग

8)खाना      दूषित
    दूध         घी भी दूषित
    सब्ज़ियाँ  होतीं

9) चेता    यदि न
    स्वार्थी  मनुष्य जो
    होगा    विनाश

10)जीवन   खत्म
      बंजर     होगी धरा
      मूर्ख      मनुष्य

11) चिंता      गंभीर
       पर्यावरण हानि
       सृष्टि        विनाश

(स्वरचित)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव

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(समाप्त)

Tuesday 9 May 2017

हाइकु मञ्जूषा...42-छाया.. प्रतिछाया..बिम्ब..प्रतिबिम्ब..दर्पण आदि..

आज 07-05-2017 हाइकु मंजूषा के अंक 42 के लिये चयनित विषयों..छाया..प्रतिछाया बिम्ब.प्रतिबिम्ब..दर्पण..आदि पर चंद हाइकु प्रस्तुत है..

1) झूँठ   न बोले
       दर्पण  सच  बोले
             है  सत्यवादी

2) छाया      बनती
       झील    गहरा पानी
          सदा  हिलती

3)  बेटी  तो      होती
        माँ की ही  प्रतिछाया
           कहते    सब

4)  चाँद  का     अक्स
         झील   में  चमकता
          झिलमिलाता

5)  बिम्ब       मिटता
        हस्ती     नहीं   मिटती
           महा   पुरुष

(क्रमशः)

Monday 8 May 2017

हाइकु श्रृंखला 41...नींद और स्वप्न

आज 30-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक41 के लिये चयनित विषयों नींद..स्वप्न पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)  हमारी      नींद
       स्वप्न       सुंदरी  आती
       प्यार       जताती

       
2)   स्वप्नदर्शी  हैं
       सोते  और जागते
         स्वप्न    देखते
         

3)   स्वप्न    देखो  औ
        हर     स्वप्न  हो पूरा
          ऐसे  प्रयत्न

4)   नींद     की मस्ती
        रात    की नीरवता
         मधुर  धुन

5)     स्वप्न       हो पूरा
         अरमान  भी पूरे
          देता      आशीष

(क्रमशः)

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आज 01-05-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 41 के लिये चयनित विषयों ..नींद और स्वप्न ..पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं...

1)  नींद       बोझिल
       आँखे    तेरी  रत्नारी
       लगतीं   प्यारी

2)     स्वप्न  देखती
         और  मुस्कुराती है
          बेबी  झूले में

3)       बड़े       सपने
           मामूली  माता पिता
            कड़ा    संघर्ष

4)        स्वप्न   देखिये
            पूरा    करने उन्हें
            प्रण    कीजिये

5)        नींद    ग़ाफ़िल
            वक्त   आधी  रात का
            घंटी    फोन की

(क्रमशः)

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आज 02-05-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 41 के लिये चयनित विषयों..स्वप्न और नींद पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1) नींद     उड़ाई
      चैन     मैंने   गँवाया
       मिला  जो प्यार

2)   सदा    मुस्काते
       स्वप्न   सलोने आते
        तुम    जो  आते

3)   बैरी    आखियाँ
        सदा  नीर  बहातीं
        बहते  स्वप्न

4)    उत्तम     क्षण
         स्वप्न     सजाते हम
          भविष्य के

5)       नींद      है आती
           भरपूर  सवेरे
            काम   पे जाना

(क्रमशः)

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आज 03-05-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 41के चयनित विषयों "स्वप्न और नींद" पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)स्वप्न      सलोने
     पलकों  पे सजते
       मिलें   साजन

2)नींद    भी भागी
      सारी रात मैं  जागी
          आये   न   पिया

3)बिखरे    सब
       स्वप्न   जो सुनहरे
        पिया  न मेरे

4)नींद      जरूरी
     जिंदगी की ख़ातिर
       और   इश्क  भी

5)स्वप्न    में   आते
      खूब        प्यार   जताते
        पिया     बेदर्दी

6)नींद     सलोनी
     परी    लोक घुमाती
       मनमोहनी

(क्रमशः)

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आज 04-05-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 41 के लिये चयनित विषयों " स्वप्न और नींद" पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)  स्वप्न     सलोने
      आँखों मे    मेरे  खेलें
        आयेंगे     पिया

2)     आये  न पिया
        करती  इंतज़ार
           नींद  सताती

3)    कुशंका   होती
         लंबा      इंतज़ार
          भोंकते  कुत्ते

4)    नींद      चैन  की
        नसीब   कहाँ होती
          जाना  काम पे

5)   किस्मत   वाले
        लेते है    लंबी नींद
         बहुत     काम 

6)    स्वप्न     भी देखो
         पूरे       प्रयास करो
          वे  हों   जो पूरे

(क्रमशः)

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आज 05-05-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 41 के लिये चयनित विषयों.."नींदऔर ..स्वप्न "पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)नींद     न     आये
    सारी   रात   जगायें
      यादें          उनकी

2) स्वप्न     सुरीले
      बालम  हैं  हठीले
       भाते   वे   मुझे

3)नींद        उड़ाती
     चैन  मेरा लूटती
      रसीली   यादें

4)रंगीले   स्वप्न
     शादी  की  होती रस्म
     महके  ख़ुशी

5)आगोश        नींद
     मदहोश  से  हम
        बाहें     उनकी

(क्रमशः)

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आज 06-05-2017 हाइकु मंजूषा के अंक 41 के लिए चयनित विषयों "नींद और स्वप्न" पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)  भागी     निंदिया
       जागी   सारी  रतिया
        सजन  संग

2) स्वप्न    उनके
    चैन      नहीं मन में
     आस   मिलन

3)आओ   साजन
    मिलके  झूलें   झूला
      माह    सावन

4)  झूलते   झूला
      डाल   कदम्ब  पर
        कृष्णमुरारी

(समाप्त)

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हाइकु मञ्जूषा अंक 40..पानी/नीर पर

आज 23-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 40 के चयनित विषयों पानी..नीर पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)नैनन        नीर
      हृदय      में पीर
       विरहणी मैं

2)पानी    उतरा
      ग़लत काम करते
        ऐसे  भी लोग

3)नीर      भरन
     राधा   यमुना गईं
       छेड़े  कन्हैय्या

4)पानी  जीवन
    व्यर्थ  नही बहाओ
    उसे    बचाओ

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आज 24 -04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 40 के चयनित विषयों पानी/नीर पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं...

1)पानी     बरसे
      चाहे   आंधी भी आये
       काम  तो काम

2)पानी    रे  पानी
     तेरा    रंग है कैसा
     बर्तन  जैसा

3)नीर        भरन
      गोरियों  की क़तार
         भोर   की बेला

4)मरा  पानी   जो
       अँखियों   का उनका
           भूले     वो   रिश्ते

5)रिमझिम    है
        पानी    की रेल पेल
          बाढ़   का डर

(क्रमशः)

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आज 25-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 40 के चयनित विषयों..पानी /नीर पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं...

1)पानी   पिलाओ
     थके   हुए बटोही
     पूण्य  कमाओ

2)अनमोल    है
    प्रकृति की ये देन
      पानी       बचाओ

3)पानी       बिना  तो
    असंभव      जीवन
       जीव   या  वन

4)स्वच्छ हो  नीर
      प्रदूषण  रहित
       ऐसे      उपाय

5)नीर       झरता
    निर्झर है हमारा
      जीवन  साथी

6)नीर    निर्मल
     देखा गंगा जल
       रुद्र  प्रयाग

(क्रमशः)

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आज 26-04-2017 हाइकु मञ्जूषा 40 के लिये चयनित विषयों..पानी/नीर पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)  गाँव     पोखर
       पानी   है प्रदूषित
        बिना  सफाई

2)    शुद्ध  हो नीर
        शुद्ध  हो जलवायु
        उत्तम स्वास्थ्य

3)     जल    जीवन
         मूर्खता  पराकाष्ठा
          करें     दूषित

4)      बहती   नदी
          होती    जीवन  धारा
           रखें    जो ध्यान

5)        प्रदूषित  हैं
            सभी     मुख्य नदियाँ
              दूषित  सोंच

6)         लापरवाह
            सब लोग    कोसते
            जल           दूषित

(क्रमशः)

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आज 27-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 40 के लिये चयनित विषयों पानी/नीर पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)नीर           बहातीं
      आखियाँ  ये हमारी
            यादें   सताती

2)पानी        तो सूखा
      प्रतिशोध की बारी
          क्रोध   तैयारी

3)मंद        बहती
      सरिता  है कहती
         नीर   निर्मल

4)चाँदी      गहने
       चढ़ा    सोने का पानी
        लगते  सच्चे

5)पानी        बरसा
     रास्ते       हुए हैं बंद
       जाओगे कैसे

6)स्वच्छ      है  नीर
       पहाड़ी  नदी   यह
          है      वेगवान

(क्रमशः)

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आज 29-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 40 के लिये चयनित विषयों..जल/नीर/पानी पर चंद हाइकु प्रस्तुत हैं

1)  नैनों    में नीर
     हृदय   होती पीड़ा
        तू    हरजाई

2)  दिल        लगाया
      औ पायी  बेवफाई
        वा रे      ख़ुदाई

3)  पानी     सूखा
      कुँवा   भी गहराया
     प्यास   अधूरी

4)हलक़    प्यास
     अमृत   बूँद   पानी
       नहीं    नसीब

5)  बहता     पानी
      कहता है कहानी
       जीना है  फ़ानी

6)      भरना      जल
           कुँवा पे दंगल
          प्यास   सबकी

(क्रमशः)

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हाइकु श्रृंखला 39..गर्मी..ग्रीष्म..ताप.. तपन..लू ..घाम और धूप पर

आज 17-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 39 के लिये चयनित विषयों..गर्मी..ग्रीष्म..तपन..ताप..लू..घामऔर धूप आदि पर आधारित चंद हाइकु..

1)गर्मी        की  मार
     जीना     हुवा दुश्वार
       बचाना प्रभु

2)ग्रीष्म     ऋतु है
      खीरा   ककड़ी  खाते
        राहत पाते

3)तपन     बढ़ी
     शीतल  पेय पियो
         रहो  घर में

4)बेढब     ताप
     तपती   धरा  सारी
        फैले  बीमारी

5)लू        का प्रकोप
     लोग   बीमार  होते
      पीते   ठंडाई

6)प्रखर         धूप
      जलाती    तन मन
           बाँध    लो साफा

         (साफा... सिर में बाँधने से धूप का असर नहीं होता)

(क्रमशः)

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आज 19-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 39 के चयनित विषयों..ग्रीष्म..गर्मी..ताप..तपन..लू..घाम और धूप पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)लाल   पलाश
      दहकता  सूरज
         भीषण  गर्मी

2) गर्मी    जलाती
       बर्फ  ठंडक देती
       जीते  ग़रीब

3)ए  सी     सहारा
      बिजली की किल्लत
        भुनते   लोग

4)ताप       बढ़ता
      तरबूज  ठंडक
         देती    राहत

5) खड़े   घाम में
       हल  जोतता  वोह
        बेटी  का  व्याह

6)कर्ज  से    लदे
      अन्नदाता किसान
          झेलते धूप

7)लू     है  चलती
       बीमार होते  लोग
         दुखी  ग़रीब

8)सिर       मुडेछा*
       पसीने  से नहाते
         गर्मी   सहते

(मुडेछा...सिर में बांधने का कपड़ा जिससे गर्मी से बच सकें)

(क्रमशः)

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आज20-04-2017हाइकु मञ्जूषा अंक 39 के लिये चयनित विषयो..ग्रीष्म..गर्मी..ताप..तपन..लू..घाम ..और धूप पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1) गर्मी       सताती
       पसीना उलझन
          मिले  न चैन

2)ठंडा          पानी तो
      अमृत      सा लगता
         इस       तपन

3)गर्म        हवाएँ
      बहतीं  दिन भर
        कहते हैं लू

4)ताप           सताता
      निकलना   मुश्किल
          लस्सी    वे पीते

5)घाम      लगता
       खेती      काम करते
         मजबूरी है

6)धूप        किस्मत
       अपनी हिम्मत से
         डटा   किसान

(क्रमशः)

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आज 21-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 39 के चयनितविषयों...ग्रीष्म..गर्मी..ताप.. तपन..लू..घामऔर धूप पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं...

1)तपन     बढ़ी
      बेचैन  रहे मन
        दुखी जीवन

2)धूप       चमके
     बिटिया  का विवाह
        खेती   के काम

3) निष्ठुर       घाम
        सोंखे    जीवन रस
          जाना  बाज़ार

4)गर्मी         का ज़ोर
     शर्बत      का है  शोर
       बुझाओ  प्यास

5)घड़े       का पानी
     लगता  सुखदाई
       ग्रीष्म की ऋतु

6)बढ़ता         ताप
      उलझता   जीवन
          शीतल  पेय

(क्रमशः)

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आज 22-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 39 के लिये चयनित विषयों ग्रीष्म ..गर्मी..ताप ..तपन..लू..घाम और धूप पर चंद हाइकु..प्रस्तुत हैं..

1) वियोगी   तन
        मन     की   ये तपन
         जिया  न    जाये

2) गर्मी       कमाल
       सबका मुँह  लाल
          हाल  बेहाल

3)चलती      है   लू
      जलाती  तन मन
         पिया   विदेश

4)घाम  औ  छाया
      अमराई  कोयल
         बिछी  है खाट

5)धूप  की    तेजी
     प्यास से  बुरा हाल
       गर्मी      कमाल

6)खेती       किसानी
     है बडी   परेशानी
        ग्रीष्म  ऋतु में

(क्रमशः)

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Wednesday 19 April 2017

हाइकु श्रृंखला..38..."झील" और" सागर " पर

आज 15-04-2017हाइकु मञ्जूषा अंक 38 के लिये चयनित विषयों "झील"और "सागर " पर चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1) झील      विस्तार
       दूर दूर  है पानी
         उड़ते  पक्षी

2)नौका    विहार
      नीली  झील की गोद
          हूँ   आनंदित

3)प्रेमी       युगल
      देखो    झुरमुट में
        झील  किनारे

4)गहरी     नीली
      झील   सी प्यारी आंखें
        जादू  करतीं

5)सागर    देता
      रोजी  रोटी  ठिकाना
       आश्रयदाता

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आज 14-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 38 के लिये चयनित विषयों "झील" और "सागर " पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1) झील    गहरी
       मानव मन सम
          थाह न   मिले

2)आदि   न अंत
      सागर है अनंत
        रत्नाकर  भी

3)झील    हिलोरें
      पवन  मंद   बहें
          नौकाविहार

4)झील    किनारे
     युवक  औ युवती
        फिरें  घूमते

5)प्रकाश        स्तम्भ
      है  सागर   किनारे
         दिशा     का   ज्ञान

6)झील तो होती
       जीवनदायिनी  माँ
           पोषण  करे

(क्रमशः)

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आज 13-04-2017हाइकु मञ्जूषा अंक 38 के लिये चयनित विषयों.."झील "और "सागर " पर चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1) देती        है   झील
       जीवन  का आधार
            पालन   कर्ता

2)सूखती       झील
       सूखते    जाते    प्राण
           छाती  है      चिंता

3) सभी       निर्भर
       जीव    औ  वनस्पति
          झील तो  प्राण

4) दिखे     दूर  से
       लहराता   सागर
          पानी    जीवन

5)मच्छी        मारते
      परिवार   चलाते
          सागर  साथी

6)दूर        समुद्र
      जाते   शिकार पर
        श्रेष्ठ  नाविक

(क्रमशः)

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आज 12-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 38 के लिये चयनित विषयों "झील "और "सागर " पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)यादों    की   झील
           डूबते   उतराते
          अक्स   तुम्हारे

2)प्यार        सागर
      पसरा     दूर दूर
        तुम्हारे  लिये

3) प्यार       का  मोती
        ढूंढता  ही रहा मैं
           जग  वीराना

4)तुम         जो    मिले
       खिला  झील कमल
           ओ  मनमीत

5)मन    सागर
     मिले  विष अमृत
       भाग्यानुसार

6)मन    गहरा
     है     सागर  सदृश 
   भेद    समाते

(क्रमशः)

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आज 11-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 38 के लिये चयनित विषयों .."झील" और "सागर" पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)खेलते     बॉल
        सागर  में फेंकते
        आता  वापस

2)डूबता    सूर्य
       उदास है  आकाश
         पक्षी लौटते

3)झील    किनारे
     बैठते   हैं  जाकर
       फेंकें  कंकरी

4)गोल      लहरें
      पानी   में हलचल
      कंकरी फेंकी

5)तुम्हारी     आँखे
        झील   सी  गहरी
        डूबता  सा  मैं

6)व्यथित     तुम
      आँसुवों  का सागर
           देखा आंखों में

(क्रमशः)

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आज 10-04-2017 हाइकु मञ्जूषा अंक 38 के लिये चयनित विषयों.."झील" और "सागर "  पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1) आँखें        तुम्हारी
       झील सी झिलमिल
        हिलोरें    प्यार

2)झील     में   उगा
     सुबह   का सूरज
        पानी है   लाल

3) जल       ही जल
       सागर   है विशाल
          पीना न होता

4) सूखती    झील
       सब     कोई चिंतित
          कोई उपाय

5) डूबता      सूर्य
       पश्चिम   सागर में
         रक्तिम नभ
         
        

6)लहरें       गिनूँ
      प्रतीक्षा  भी  करूँ मैं
       आयीं    न तुम

(क्रमशः)

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आज 09-04-2017 हाइकु मञ्जूषा 38 के लिये चयनित विषयों..झील और सागर पर आधारित चंद हाइकु प्रस्तुत हैं..

1)आँखों     की झील
       छुपा    गहरा प्यार
        लेता   हिलोरें

2)नीली     हैं आँखें
       गहरे   समुन्द्र सी
     लगती   प्यारी

3)सागर  सी  हैं
      भरी  तुम्हारी  आँखे
      खारे  जल से

4)विशाल   झील
      दूर दूर  विस्तार
          है     रमणीय

5)नौकाएँ   जातीं
       मच्छी मार लोग
          रोज का धंदा

6)सागर    पाले
     संतान  की तरह
      दुलारे  इन्हें

(क्रमशः)

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