Wednesday 23 November 2016

व्हाट्स अप ..तांका लेखन समूह

k[11/16, 23:44] akhileshchandra srivastav: 16-11-2016
तांका

1)            जीवन डोर
      होती जिसके हाँथ
                ऊपरवाला
       जब चाहे खींचता
      खेल होता है ख़त्म

2)       प्रीति   किससे
         बैर होये किससे
              पुतले   सब
      बनाता ऊपरवाला
     मिटाता भी तो वही

प्रदीप जी कृपया मुझे भी तांका समूह में ले लीजिये..आपका आभारी रहूँगा..
[11/16, 23:52] akhileshchandra srivastav: आज 16-11-2016" तांका"...

सूखा पेंड
********

1)        सूखा हूँ पेंड
    नहीं  है  हरियाली
        कौव्वे     बैठते
      और ये बतियाते
     सुन्दर था ये  पेंड

2)         कौन  बताये
  उन कौव्वों को जन्म
           लेते हैं जो भी
          एकदिन पहुँचे
         इस हालात पर

3)         कटना  अब
    भाग्य लेखा है मेरा
          बनूँ       ईंधन
    जलूँ  चूल्हे में कहीं
      या बनूँ   फर्नीचर

4)          ग़म मुझको
     क्यों होगा भला मैं
               परोपकारी
      मरने के बाद  भी
   करूँ   जनकल्याण

(समाप्त)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/19, 19:41] akhileshchandra srivastav: नोट बंदी...पर्व
***********

नोटबंदी का हम तो  आज मनाते पर्व
जो सरकार ने किया उसपे हमको गर्व

बदला बदला सा माहौल नज़र आता है
हर आम आदमी  खुश नज़र  आता  है

इसी नोटबंदी पर्व के अवसर पर पेश है "तांका" इसी शीर्षक "नोटबंदी पर्व" से

नोटबंदी पर्व
*********

1)           पुराने नोट
       चलन से  गायब
                बदहवास
     कालाधन व्यापारी
        भृष्ट चोरबाज़ारी

2)        देशद्रोही  औ
       गद्दार  बना मोर्चा
               देते चुनौती
          उतरे सड़कों पे
           करें संसद ठप

3)        जनता    देगी
         इनको भी उत्तर
              जो करते ये
          बेहूदा   हरकतें
         नोटबंदी विरोध

4)        शांत कश्मीर
      शांत नक्सलवाद
             शांत दुश्मन
     आम जनता खुश
       सब नोटबंदी  से

5)          विरोध करो
       जहाँ राष्ट्रहित हो
            विरोधी पार्टी
       गलत विरोध  तो
      पड़ेगा भारी बड़ा

6)          नोटबंदी  ने
    बचा लिया देश को
               खतरनाक
        सामानांतर अर्थ
    व्यवस्था के छल से

(समाप्त)
[11/20, 12:23] akhileshchandra srivastav: आज 20-112016
आज के तांका...

    ये उपकारी
    *********      

1)          स्वयं भरोसे
  जो भी  हैं सदा जीते
             जीतते सदा
     होती   है जयकार
     जग    पे  उपकार

2)      ये     उपकारी
       सदा  खुश रहते
           परदे    पीछे
       चुप काम करते
     होते नींव के जैसे

3)        इनका  रोल
     समाज में है बड़ा
             परोपकारी
      और  महत्वपूर्ण
       बरगद  वृक्ष सा

(क्रमशः) 
अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव

आज 29-11-2016

तांका मालिका
************

1) सूरजमुखी
    *********

         सूरजमुखी
ताकती सूरज को
      जैसे प्रेमिका
   पूरब से पश्चिम
घूमती साथ साथ

2) सरसों का खेत
     ***********
    
        खेती सरसों
बिछी पीली चादर
       ऐसा दीखती
मन को सुखदायी
कायनात  बौरायी

3)आम का पेंड़
     *********

          फागुन आया
     पेंड़ आम बौराया
         गुच्छे के गुच्छे
  बौरों पे आते  आम
सुहानी फ़िज़ा  छायी

4) आलू भुना हुवा
     ************

         आलू निकालो
  वहीँ भून भी  डालो
            धनिया नोन
     बना डालो चटनी
छील छील के खाओ

5)   शकरकंद
       *******

              शकरकंद
मीठा होता जायका
            बहुत स्वाद
      सदा रहेगी याद
जम के खाओ आप

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव

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तांका ...गंगाजल

गंगाजल   तो
शुद्ध पवित्र करे
जिस पे डालो
स्वयं आजअशुद्ध
अपराध  किसका

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तांका...अँधेरा
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दूर        अँधेरा
जीवन में उजाला
छा जो जायेगा
वोह शुभ  दिन भी
मेरा जल्द  आएगा

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तांका   महक
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खिला है फूल
महके चारों ओर
तितली आयी
मस्त चक्कर लगा
"महक"  ले के उड़ी

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तांका..जीवन
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जीवन  हंसी
बनाकर तो देखो
स्वयं हो खुश
सबको भी   हँसाओ
दुनिया स्वर्ग  बनाओ

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तांका    ....भोर
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हो गयी भोर
उग गया सूरज
लाली   पूरब
उठो प्रातः सैर को
अविलंब  निकलो

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तांका ..कोहरा छाया
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कोहरा  छाया
मुश्किल है सफ़र
क्या मैं करूँ जी
घर कैसे पहुँचूँगा
यही तो मेरी चिंता
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------- तांका..... "नींद"
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नींद उड़ा दी
जागूँ सारी रात मैं
तेरी याद में
तड़पता  रहता
ग़ाफ़िल.. तू नींद में
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तांका...."समां "
***********

समां हसीन
मौसम भी रंगीन
दारु के  ज़ाम
साथ में नमकीन
औ एक नाज़नीन

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तांका .."पतंग"
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पतंग बना
तूने मुझे चढ़ाया
आसमान में
ऊँचाई पे प्यार की
फिर काट दी डोर...

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तांका... बेदर्दी"
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दिल को तोड़ा
रक़ीब .. रिश्ता जोड़ा
तू तो बेदर्दी
जियूँ कैसे  मैं बता
तू हुई जो  बेपता

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तांका..." पीर"
**********

पीर दी मुझे
प्यार की निशानी में
क्या था बिगाड़ा
मैंने तेरा आखिर..
पत्थर  के सनम

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तांका..." पीर"
**********

पीर दी मुझे
प्यार की निशानी में
क्या था बिगाड़ा
मैंने तेरा आखिर..
पत्थर  के सनम

-----------//----------*-----------//---------
तांका... हौंसला
*************

हौंसला हो तो
मुझे अपना बना
साथ भी निभा
मेरे क़ाबिल बन
न सिर्फ आज़मा तू

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तांका..मालिका..

  पाँच सौ करोड़ की शादी
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धन दिखावा
पाँच सौ करोड़ की
शादी बेटी की
काला धन कमाई
भ्रष्टाचारी वो नेता

एक मज़ाक
सब ईमानदारों
और सज्जनों
से था  क्रूर मज़ाक
भोंडा था प्रदर्शन

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तांका मालिका..."जाड़ा"

1)      जाड़े की रातें
  कोहरा आच्छादित
         यात्रा   कठिन
     होते हैं  अपघात
    दीखे कठिनाई से

2)     जाड़े की धूप
     सुखदाई लगती
        मुझे   सुहाती
   तापते धूप    हम
    लेटे खुले आँगन

3)       स्वेटर कोट
   मफलर औ टोपी
          होते जरूरी
    बचाते हम ठण्ड
     इस सर्द मौसम

4)       मूंगफली हो
  या गज़क तिल की
          खूब है भातीं
     डिनर के बाद ही
          लोग है खाते

5)        ऊनी कपड़े
   लेके आते तिब्बती
           खूब  बिकते
      गरीब भी खरीदें
     सस्ते होते कपडे

(क्रमशः)

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तांका-मोर्चा खिलाफ नोट बंदी
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लगाओ ज़ोर
चाहे जितना तुम
नोट बंदी को
नहीं चलने देंगे
विरोध है हमारा

कालाधन औ
भ्रष्टाचार  से जँग
जीतोगे  नहीं
हम सब सबल
तुम पर है भारी

समेटो यह
अपना तीन पाँच
निकलो जल्द
अब झंडा  फहरे
भृष्ट काले धन का

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आज भारत बंद का आवाहन
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(28-11-2016)

भारत बन्द
ख़िलाफ़ नोटबंदी
बोरों में नोट…
काला धन वाले औ
भ्रष्टाचारी  करते

नाम जनता
जिक्र है परेशानी
स्वार्थ  अपना
काला धन   डूबता
भ्रष्टाचार का खात्मा

उनकी नींद
हुई आज हराम
कहाँ विश्राम
चोरी की जो कमाई
होती है हरजाई

ज़ोर लगाओ
सरकार दबाओ
भारत बंद
सरकार झुकेगी
ऐसा उन्हें है भृम

पूरा देश तो
करता समर्थन
नोट बंदी का
और छिडी लड़ाई
जो  है देश हित में

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तांका..मालिका--इंतज़ार
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कब तक मैं
रहूँ  इंतजारी में
आये  न तुम
क्या हुआ वोह वादा
आऊँगा खायी कस्म

वो वादा भूले
तुम मुझको भूले
ओ हरजाई
रो रो के बुरा हाल
बँधी हैं हिचकियाँ

कजरा    धुला
गजरा मुरझाया
सूनी  हैं  आँखे
दूर शून्य   निहारूँ
तुम हो परदेश

कौन  पोंछेगा
मेरे बहते आँसू
तुम्हारी यादें
छलनी है करती
मेरी पूरी जिंदगी

कैसे  निष्ठुर
हृदयहीन  तुम
न आते ही हो
न ही ख़बर  देते
हत भगिनी हूँ मैं

(क्रमशः)

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नोटबंदी
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मचा है शोर
संसद में हंगामा
नोटबंदी से
लोग है    परेशान
लोग तो   सराहते

हुए  इकट्ठे
कालाबाजारी चोर
औ भ्रष्टाचारी
संयुक्त मोर्चा   खोला
ख़िलाफ़     नोट बंदी

उन्हें लगता
वे    दबाव   बनायें
वापस होगा
फैसला नोटबंदी
सपनो में    वे जीते

बहुसंख्यक
जनता     समर्थक
नोटबंदी की
नकेल    काला धन
और     भृष्टाचार पे

मुँह की खाएँ
तमाम    विरोधी जो
नोटबंदी तो
अब न हटने की
कोशिश कर     देखें

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हाइकु श्रृंखला..हवा..वायु..समीर..पुरवाई या पवन... आदि पर

नमस्कार मित्रों

आज20-11-2016 हाइकु मञ्जूषा अंक18 के चयनित विषय हवा..वायु..समीर.. पुरवाई या पवन ..पर चंद हाइकु...

1) हवा जोरों पे
        नदी मध्य है  नाँव
             दूर    किनारा

2)मस्त   पवन
      चलती  आज  शाम
            करें       भ्रमण

3)पुरवाई    है
       आंनदित  है  जग
             लेते हैं   मज़ा

4)करती    शोर
        पवन अति  ज़ोर
             आया तूफ़ान

5)उल्टी   है   हवा
    मुश्किल नाँव चलाना
           थोड़ा   रुक  लें

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव

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नमस्कार मित्रोंआज 25-11-2016 चंद हाइकु ...हाइकु
मञ्जूषा अंक 18 दिए गए विषय हवा.. पवन.. समीर..पुरवाई आदि पर..

1)हवा का शोर
       कुछ पड़ा  सुनाई
           नहीं  तो  भाई

2)मंद   समीर
      नदी का है किनारा
            दृश्य ये प्यारा

3)अमराई में
        बिछी हो चारपाई
            मंद      समीर

4)पेड़ो में बौर
      कोयल कूक रही
          गाती है   हवा

5) शुद्ध हो हवा
        पर्यावरण स्वस्थ
           खुश   जिंदगी

(क्रमशः)

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नमस्कार मित्रों

आज 26-11-2016 चंद हाइकु ..अंक 18 के दिए गए विषय..हवा..वायु..समीर..पवन..पुरवाई.. आदि पर

1)पवन  चक्की
       शक्ति का उपयोग
            हवा   चलाती

2) नैसर्गिक है
      शक्ति का सोत्र हवा
          उपलब्ध    सदा

3)पाल में भरती
       नौका चल पड़ती
               पवन   वेग

4) मंद समीर
        नौकायन का मज़ा
               जियो जिंदगी

5)पुरवाई  है
        बरसेंगे मेघ तो
          छाता ले चलो

6)हवा तेज
     आँधी की सम्भावना
          जंगली     रास्ता

(क्रमशः)

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Saturday 19 November 2016

हाइकु श्रृंखला..नवजात..शिशु..बच्चा..बालक और बालिका पर

[11/14, 15:43] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों...

आज 14-11-2016 कार्तिकी पूर्णिमा है..आज के दिन गंगास्नान का विशेष महत्व है..साथ ही आज दो महान आत्माओं गुरु नानक देव और जवाहर लाल नेहरू जी का जन्मदिन यानि जयंती भी है... हाइकु मञ्जूषा अंक 17 दिया गया विषय है...
नवजात,शिशु ,बच्चा ,बालक और बालिका( 14 नवंबर से 19 नवंबर तक)

चंद हाइकु इन्ही पर..

1) नवजात तो
         देखता संसार को
            कौतुक ही   से

2)कोमल  बड़ा
      रुई के फाहे जैसा
          नाजुक  है  वो

3)दूध  माता  का
       अमृत जैसा होता
            हो   स्तनपान

4)जच्चा औ बच्चा
       दो देंह एक जान
         प्रीति  से   जुड़े

5)देन     ख़ुदा की
       बालक या बालिका
            रखो     संभाल

6)कन्या भ्रूण  की
      हत्या है महापाप
          करो   विरोध

7) देवी रूप तो
      बालिकाएं  है होतीं
           पूजो     उनको

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/15, 09:08] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों

आज15-11-2016 आज के चंद हाइकु .(हाइकु मञ्जूषा अंक 17 के विषय.. नवजात...शिशु..बच्चा.....बालक और बालिका पर.)

1)नवजात तो
      होता नया मेहमाँ
           इस जहाँ  में

2)अबोध  शिशु
      गोल गोल आँखों से
            दुनियाँ     देखे

3)कभी  हँसता
      कभी रोता  चिल्लाता
             अभी   है  शिशु

4) छोटे  बच्चे तो
      चाहते  देख  रेख
          होता विकास

5)नन्ही  बालिका
      अनोखी हरकतें
            बनें  दुल्हन

6) मम्मी की चुन्नी
       उल्टी सीधी लपेट
            बनी    दुल्हन

7)देखिये जब
      लजाती बहुत वो
         छोटी   दुल्हन

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/16, 11:48] akhileshchandra srivastav: आज 16-11-2016 चंद हाइकु ...हाइकु मञ्जूषा के अंक17 के विषय नवजात..शिशु..बच्चा ..बालिका और बालक पर..

1) बालिका  होती
        प्यारी  तोतली बोली
                बुलाती  पप्पा

2)गुड़िया  गुड्डा
        शादी रचाती वोह
             बनती  अम्मा

3)मेरा गुड्डा तो
          दूल्हा तेरी गुड्डी का
               होगा    विवाह

4)बुधवार  को
        होगा तिलक  और
                शुक्र  विवाह

5)दस     बाराती
        बैंड बाजा  रौशनी
              सारा    प्रबंध

6)बालक खेलें
     गुल्ली डंडा और
          उड़े     पतंग

7)बालक   खेले
       खेल कबड्डी और
           नचाते    लट्टू

8)शिशु    हँसता
        कभी दे किलकारी 
              कभी   वो   रोता

9)कभी भूँख से..
         कभी डर के  वोह
              ज़ोर से   रोता

10)गोद  अम्मा की
          पहिचानता   खूब
               चुप  हो जाता

(क्रमशः)
       
      👭
अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/17, 08:32] akhileshchandra srivastav: आज 17-11-2016 चंद हाइकु ...हाइकु मञ्जूषा के अंक 17 के विषय..नवजात..शिशु..बच्चा...बालक... बालिका...पर

बच्चा
*****
1)बच्चा   हूँ  मैं
      पर अक्ल का  पक्का
                नहीं  हूँ   कम

2)मेरे  रोने  से
       सब  हैं  घबराते
            मानते  बात

3)जिद  में  आऊँ
      सब  ही मनवाऊँ
           हारते     सब

नवजात
*******

4)नवजात  मैं
      दुनियाँ  निराली है
            अलग    मेरी

5)हँसता   रोता
        किलकारी  भरता
            भूँखा तो  रोता

बालक
******

6)बालक हूँ मैं
       सब प्यार करते
             कुलदीपक

7)दूध    पिलाते
        घी  दही मक्खन दें
             बेटा जो  हूँ   मैं

8)पढ़ना  हक़
      प्यार पर भी हक़
          बालक जो  मैं

बालिका
*******

9)पराया  धन
     कहते सब  मझे
         दुत्कारते   वे

10)काम घर  के
           या बाहर के  मेरे
              खाती   जूठन

11)कलमुँही  तू
          बोझ है हम पर
                कहते  सब

(क्रमशः)👭  🙏🏼
[11/18, 10:43] akhileshchandra srivastav: आज 18-11-2016 चंद हाइकु.. हाइकु मञ्जूषा के अंक 17 के दिये गये विषय...नवजात..शिशु....बच्चा..बालक और बालिका पर..

नवजात
*******

1) नवजात हूँ
      दुनियाँ से अंजान
           संभालो  मुझे

शिशु
****

2)शिशु  केवल
   "शी "या "शू "ही करता
    कहते "शिशु"

(शी +शु=शिशु)

बच्चा
*****

3)बच्चा हूँ मैं तो
      समझे मुझे कच्चा
             वही   नादान

4)बच्चा जान के
       मुझे बनाते मूर्ख
           स्वयं    बनते

5)बच्चे न होते
        भगवान की देन
           आपका कर्म

बालक.. बालिका
***************

6)बालक क्या औ
      बालिका क्या दोनों हैं
               एक   समान

7)सोंच     सुधरे
       फिर देश   सुधरे
         प्यारी बालिका

8)बालिका  शुभ
      करे प्यार माँ बाप
         नहीं  वो    पाप

   
तांका
*****

          पैदा   करना
     नहीं पर्याप्त उन्हें
          बड़े   बनाना
योग्य जिम्मेदार  भी
   बनाना है आपको

(क्रमशः)
.
अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/19, 09:08] akhileshchandra srivastav: आज 19-11-2016 हाइकु मञ्जूषा अंक 17 के लिये आखिरी दिन..चंद हाइकु दिये गये विषय ...नवजात..शिशु..बच्चा..बालक और बालिका पर..

नवजात
*******

1) मैं नवजात
       मेरी क्या होती जात
            मुझे   न    ज्ञात

शिशु
*****

2)पलने  लेटा
      अँगूठा हूँ चूसता
         हँसता    रोता

3)तेल  मालिश
     उबटन  पालिश
       मुझको भाती

4)नानी  देखतीं
      खुश हो वे गातीं
         लोरी  सुनातीं

5)मैं भी सो जाता
     सपनों में खो जाता
         आतीं    परियाँ

6)माँ का दूध तो
        अमृत ही है होता
           मुझको   भाता

बच्चा
*****

7) बना के घोड़ा
     पापा की पीठ पर
          करूँ   सवारी

बालक
******
8)निकर शर्ट
      मेरी स्कूल की ड्रेस
           मुझको  भाती

9) टीचर  दीदी
        सुन्दर सुन्दर है
           करती प्यार

बालिका
*******

10)स्कर्ट ब्लाउज
          ड्रेस है मेरी प्यारी
               बालों में फूल

11)स्कूल बस
       आती मैं स्कूल जाती
               रहती     खुश

(समाप्त)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव

हाइकु श्रृंखला..प्रकृति और प्राकृतिक स्थानों गुफा पहाड़ श्रृंग आदि

[11/6, 19:40] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों

आज 06-11-2016 के हाइकु अंक16 के लिये दिए गये विषय पर...

1)बाग़ बग़ीचे
        तालाब नदी पंछी
            सुन्दर    जहाँ

2)पूरब     प्राची
        मंद समीर  बहे
           प्रातःकाल में

3)पंक्तिबद्ध   हो
      पंछी   देखो  उड़ते
          खिले     कमल

4)अमराई  में
       सुनो  कोयल कूके
            भोर   निकला

5)कली    शर्माए
       भँवरा  मंडराए
             फूल मुस्काए

6)प्रकृति   चित्र
       मन को  भरमाये
          प्रातः    भृमण

7)कौन  चितेरा
       ऐसे चित्र  बनाता
            मन    हर्षाता

8)मन   प्रसन्न
       तन होता  निरोग
           प्रातः   भृमण

9)सूर्य     उगता
       भर  दिन   चलता
           अस्त हो संध्या

10) ऋणी  धरती
          भगवान  सूर्य की
              जीवन   दाता

11)कृतज्ञ   हम
         पूजते सूर्य   देव
              छठ   मनाते

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/7, 08:04] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों

आज 07-11-2016...
हाइकु मञ्जूषा अंक 16 के लिये दिये गये विषय "प्रकृति "पर चंद हाइकु..

1)चाँद     सितारे
       आसमान  चादर
           रूप     सुन्दर

2)टूटता    तारा
      स्वर्ग जाती आत्मा वो
              कहते      लोग

3)माँगते     दुवा
        पूरी होती  चाहत
            ऐसा  विश्वास

4)चंद्रग्रहण  हो
        या सूर्यग्रहण चाहे
            लोग      डरते

5)चाँद है  दूल्हा
      और तारे  बाराती
          दुल्हिन     रात

6)चाँद है  आता
       दुल्हिन खिल जाती
          तारे   भी    खुश

(तांका)..पर एक प्रयास
(5-7-5-7-7)..सभी जानकारों की राय जानना चाहूँगा..और सुझाव भी

7)   देखो     आकाश
       अँधेरी रात होती
            बड़ी   उदास
       तारे   टिमटिमाते
     चाँद नहीं जो पास

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/8, 10:13] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों...

आज 08-11-2016चंद हाइकु ...हाइकु मञ्जूषा के अंक 16 के निर्धारित विषय पर..

1) गुफा विशेष
      हिम् शिवलिंग के
             होते  दर्शन

2) हिमाच्छादित
         पर्वतमालाएं  हैं
            उत्तर   दिशा

3)पाँव    पखारे
        हिन्द महासागर
           कन्या कुमारी

4) निशात   बाग़
       तोहफा  जहाँगीर
          शान    कश्मीर

5)नाथुला   दर्रा
      खड़ा पूरी शान से
          सामने    चीन

6)अमृतसर
        अमृत का तालाब
            गुरु   का   घर

7)दिल्ली है दिल
        राजधानी  हमारी
           शान  देश  की

8)सत्ता   प्रतीक
         राष्ट्रपति  भवन
            गर्व    हमारा

9)गोल    भवन
       संसद  है हमारी
             ये  गणतंत्र

10)बड़ी मीनार
          है कुतुबमीनार
            एक  अजूबा

11)डल झील तो
        है शान ए कश्मीर
            विश्व   प्रसिद्ध

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/9, 11:57] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों

आज 09-11-2016नयी सुबह...काला धन जो नासूर बन कर.. देश को मौत की मंज़िल पर ले जा रहा था..उस पर करारा और  प्रभावी वार..

हर देशभक्त और समझदार इस लड़ाई में मोदी सरकार के साथ..
इसी परिपेक्ष्य में आज के चंद हाइकु..

1)प्रभावी  वार
       वर्तमान सर्कार
           काले धन पे

2)भ्रष्टाचार   था
      चरम  सीमा  पर
          हारा    इमान

3)ईमान   दोषी
      बेईमान था   काज़ी
           औ     शहंशाह

4)न्याय  खरीदे
     ईमान भेजे  जेल
        ऐसा था  खेल

5)पैसों   का ज़ोर
      था भारी इमान पे
         सच्चाई    हारी

6)मँहगी    शिक्षा
      दो नंबर का खेल
          बिंदास  जारी

(नोट..क्रमांक7 से 10 तक  तांका विधा में..)

7)     शिक्षा    बिकती
       चरित्र  हों नीलाम
          सिले  थे    मुँह
    अपाहिज  व्यक्तित्व
     ऐसा देशी  माहौल

8)काला  था   धन
     बेशुमार फंडिंग
       विदेशी    शत्रु
बर्बाद करने     को
भारत  थी साजिश

9)      कल  के   बोल
       थे कमाल धमाल
         घोषणा    मोदी
      ध्वस्त काला  धन
       स्वागत सब ओर

10)       जनता   खुश
       राहत जनता  को
            आम  आदमी
    को है  पूरा  विश्वास
    होगा ज़रूर    ख़ास

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/10, 09:06] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों

आज 10-11-2016 बैंक खुल जाएँगे 2लाख 50 हज़ार के पुराने नोट फॉर्म भरकर बिना सवाल जवाब जमा कराये जा सकते हैं

अब आज के चंद हाइकु दिए गए विषय पर..

1)पर्यटन तो
       आदत  सर्वोत्तम
           देखो  दुनियाँ

2)सुन्दर  देश
        अपना है  भारत
           सैलानी  आते

3)घाटी   कश्मीर
       पर्यटन    आश्रित
            नज़ारे  सुन्दर

4)डल  झील  में
       हाउसबोट   घर
         देते    आराम

5)शिकारे  होते
      झील में घूमते वे
          चल   बाज़ार

6)सुबह     हसीं
        शामें होती रंगीन
           ऐसा   कश्मीर

7)लहूलुहान
       आज मेरा कश्मीर
               आतंकवादी

8)कलकत्ता तो
        ट्रामों का है शहर
           आदमी   ताँगा

9)रसगुल्ला औ
       चमचम   सन्देश
          बंगाली   मिष्टी

10)इण्डिया गेट
         सैनिक स्मारक है
            अखण्ड ज्योति

11)लाल किला है
        स्मारक शानदार
           झण्डा अपना

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/11, 10:41] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों

आज11-11-2016 चंद हाइकु दिये गये विषय .."पर्यटन" पर..

(आगरा..मथुरा..लखनऊ..इलाहबाद और वाराणसी शहरों पर..)

1)ताजमहल
      अनोखा  मक़बरा
         निशानी   प्यार

2)मक़बरा   तो
      अकबर  महान
        का  सिकंदरा

3)किला  आगरा
        प्रसिद्ध  जग में
          मुग़ल    राज

4)बृंदावन  तो
      यादें श्रीकृष्ण की
            यमुना   तीरे

5)मथुरावासी
      बाँके बिहारी भक्त
         पूजें    श्रीकृष्ण

6)वध  कंस  का
     बाद यमुना स्नान
          विश्राम  घाट

7)जन्मस्थली का
        शानदार मन्दिर
           है    दर्शनीय

8)इमामबाड़ा
       छत्रमंजिल दोनों
            हैं     दर्शनीय

9)चिकनकारी
        हुनर  लखनऊ
           प्यारी कढ़ाई

10)इलाहबाद
         संगम  का शहर
            गंगा   जमुना

11)पवित्र   घाट
        शहर वाराणसी के
           काशी विश्वनाथ

(क्रमशः)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
[11/11, 19:12] akhileshchandra srivastav: नमस्कार मित्रों
11-11-2016 सायंकाल

दिए गए विषयों पर..

1)बाग़

बाग    बगीचे
    आओ हम   लगायें
          फूल   खिलायें

बाग़    लगायें
    उत्तम फल  खायें
        मजा    उड़ायें

2)सैलानी 

सैलानी   आते
   भारत   में घूमते
      खुश हो  जाते

सैलानी    आते
     विदेशी पैसा  लाते
         लाभ  देश  को

3) वन

वन    काटते
      बेघर वन्य जीव
          आते   शहर

वन   की रक्षा
    पर्यावरण   रक्षा
        वन्य   जीवन

4)पर्वत

पर्वत    काटें
    बस्ती हैं वो बसाते
        प्रकृति    रूठी

पर्वत    हैं  तो
     बारिश   बरसती
         नहीं तो सूखा

5)गुफा

गुफा   है  अँधी
   हाँथ  न सूझे  हाँथ
       जीते   वो  सन्त

शेर  की गुफ़ा
     पर्वतों की गोद में
         भव्य  दिखती

6)श्रृंग

ऊँचे  श्रृंग  पे
         बर्फीली ठंड़  बीच
              डटे  हैं  फौज़ी

श्रृंग  से  ऊचें
     इरादे  फौजियों  के
             बनें    अजेय

(समाप्त)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव